Credit card new rules: भारत के तीन बड़े बैंक – एसबीआई, एक्सिस बैंक, और आईसीआईसीआई बैंक – ने अपने क्रेडिट कार्ड के नियमों में कुछ अहम बदलाव किए हैं। ये नए नियम मार्च और अप्रैल में लागू हो रहे हैं। तो चलिए, थोड़ा नजदीक से देखते हैं कि ये बदलाव क्या हैं और इनका आप पर क्या असर होगा।
Axis Bank (ऐक्सिस बैंक)
एक्सिस बैंक अब हर रेंटल लेनदेन पर 1% सरचार्ज लगाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा ₹1500 है। मतलब अगर आप किराये पर कुछ लेते हैं तो आपको थोड़ा ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर आप विदेश में भारतीय मर्चेंट पार्टनर्स के जरिए भारतीय करेंसी में लेनदेन करते हैं, तो आपको डायनेमिक करेंसी कनवर्जन मार्कअप फीस के रूप में 1% प्लस टैक्स देना होगा। ये नियम 4 मार्च से लागू हो रहे हैं।
SBI Credit Card (एसबीआई क्रेडिट कार्ड)
एसबीआई कार्ड ने मिनिमम ड्यू कैलकुलेशन के तरीके में बदलाव किया है। अब, न्यूनतम देय राशि में जीएसटी, ईएमआई राशि, 100% फीस, 5% फाइनेंस चार्ज, रिटेल खर्च, और ओवरलिमिट अमाउंट शामिल होंगे। यानी अब आपको अपने कार्ड के न्यूनतम भुगतान के लिए शायद थोड़ा ज्यादा चुकाना पड़े। यह नियम 15 मार्च से लागू होगा।
ICICI Bank क्रेडिट कार्ड
आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपने Credit Card की सुविधाओं में बदलाव किया है। अब complimentary lounge access की सुविधा उन्हीं ग्राहकों को मिलेगी जिन्होंने एक तिमाही में ₹35,000 से अधिक खर्च किया हो। यानी अगर आप इससे कम खर्च करते हैं, तो आप इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
एचडीएफसी बैंक की तुलना में
इससे पहले HDFC bank ने भी अपने Regalia and Millenia Credit Cards पर एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस को सीमित किया था। रिगेलिया कार्ड धारकों को एक तिमाही में ₹1 लाख या उससे अधिक खर्च करने पर दो कम्प्लीमेंट्री लाउंज एक्सेस मिलेंगे। वहीं, मिलेनिया कार्ड धारकों को भी एक कैलेंडर तिमाही में ₹1 लाख या उससे अधिक खर्च पर एक कम्प्लीमेंट्री एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस की सुविधा मिलेगी।
ये बदलाव बैंकिंग सेवाओं के उपयोग को थोड़ा और सोच-समझकर करने की दिशा में एक कदम हैं। ग्राहकों को अपने क्रेडिट कार्ड के नए नियमों और शर्तों की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए और उनके अनुसार ही अपने वित्तीय निर्णय लेने चाहिए। याद रखें, बैंक इन नियमों को लागू करते हैं ताकि वो अपनी सेवाओं को और भी बेहतर बना सकें और ग्राहकों को जरूरत के अनुसार लाभ पहुंचा सकें। लेकिन, ये जरूरी है कि आप इन बदलावों को समझें और अपने खर्चों पर नजर रखें ताकि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्रभावित किए बिना, अधिकतम लाभ उठा सकें।